मधेपुरा : चौसा प्रखंड अंतर्गत फुलौत में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्रामता पूजा को लेकर प्रतिदिन ज्वालामुखी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या भीड़ देखी जा रही है। 26 मार्च से प्रारंभ हुए पूजा का आज पांचवां दिन है। इस पूजा में ग्राम देवता के रूप में मनाकर गांव की सुख-समृद्धि व बाढ़ से बचने के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसा मानना है कि अनंत काल से मनाई जा रही इस पूजा के कारण ही चारों ओर नदी रहने के बावजूद गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं करता है। यही कारण है कि कोसी के प्रकोप से बचने के लिए गांव के सभी धर्मों के लोग इस पूजा में शामिल होते हैं। वहीं इस मंदिर के बारे में ग्रामीण सोहन भगत, पूर्व मुखिया पकंज कुमार मेहता, जिला परिषद अनिकेत कुमार, मुखिया विनोद चौधरी एवं पूर्व सरपंच जयनारायण मेहता ने बताया कि कई शताब्दी पूर्व जब घघरी नदी अपना प्रचंड रूप धारण किए इस गांव को अपने आगोश में लेने के लिए लगातार आगे बढ़ रही थी। उस समय में ज्वालामुखी माता के कारण की गांव एवं यहां के लोगों की रक्षा हुई। इसके बाद से अब तक हर वर्ष चैत्र या वैशाढ़ माह में दस दिनों तक मां ज्वालामुखी को ग्राम देवी मानकर पूजा की जाती है।
जानकारी के अनुसार भगवती ज्वालामुखी का मंदिर काफी पुरानी है। पूजा में सम्मलित होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मान्यता है कि इस पूजा में शामिल होकर भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो शीघ्र पूरा हो जाता है। यही कारण है कि हिदू एवं मुस्लिम सहित अन्य धर्माें के लोग भी इस पूजा में शामिल होकर एकजुटता की मिशाल पेश करते हैं।
यहां मनाई जाने वाली ग्रामता पूजा का है विशेष महत्व:
फुलौत में मनाई जाने वाली इस पूजा में चढ़ावा के रूप में लोग शक्कर से बने मिठाई को चढ़ाते हैं। पूजा में लगातार दस दिनों तक सुबह पूजा एवं शाम में छह से नौ बजे तक संध्या आरती होती है। संध्या आरती के दौरान मंदिर के भगत लोगों के बीच देवी का आशीर्वाद बांटते हैं। पूजा के 10 वें दिन प्रसाद के रूप में शक्कर की मिठाई से भरे मटका को चढ़ाते हैं। उसके बाद उस मिठाई को ज्वालामुखी मंदिर से लेकर धूमावती मंदिर में रखते हैं। पूजा समाप्ति के अगले दिन उस प्रसाद का वितरण पूरे गांव में होता है। इस वर्ष पूजा 26 मार्च से लेकर 04 अप्रैल तक किया जाएगा। मान्यता है कि इस पूजा के प्रसाद को ग्रहण करने से लोग सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं।।
2023 में क्या रहा खास :
इस वर्ष ग्रामता पूजा को और भी खास बनाने के लिए श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा शतचण्डी यज्ञ व आहुति सहित 1001 कन्याओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई।। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए श्री श्री 108 महामंगलेश्वर भागवत स्वरूप शास्त्री जी महाराज सर्वदर्शनाचार्य हरिद्वार, एवं प्रवचन कर्ता श्री सीताराम शास्त्री दरभंगा सहित कई पंडितों को बुलाया गया है।