मामला चौसा प्रखंड के अंतर्गत फुलौत पूर्वी के वार्ड संख्या 3 की है, बीते मंगलवार को रात में एक दिमागी हालत से पीड़ित बालक को अपने घर लाकर उस बच्चे को अपना बच्चा बताने को लेकर बुधवार को हाई वोल्टेज ड्रामा लगभग 5 घंटे तक चलता रहा।
मामला इतना तूल पकड़ता गया कि आसपास के लोगों को उस बच्चे को देखने की भीड़ उमड़ पड़ी जिसके बाद लोगों में तरह-तरह की अफवाह वाली बातें देखने को मिलता रहा ।
मामला यह है कि फुलौत में कुछ दिन पूर्व रह रहे मोहम्मद शहीद के पुत्र जो दिमागी हालत ठीक नहीं होने के कारण लगभग 11 वर्ष पहले लापता हो गए थे, ठीक उसी प्रकार के एक बच्चे को देख उसके परिजनों ने बच्चे को अपने घर बुला लिया और उस पर दावा ठोकने लगा कि यह बच्चा हमारे ही घर का खोया हुआ बच्चा है।
जिसके बाद आलमनगर थाना लौका के निवासी सुलोचना देवी पति राधेश्याम मेहता के परिजन को इनकी सूचना मिली जिसके बाद मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपना बताते हुए इसे घर ले जाने की जिद करने लगे लेकिन दावा कर रहे हैं परिजन का कहना था कि यह बच्चा मेरा है जिसके बाद दोनों परिजनों में घंटों तक बहस चलती रही, खास बात यह है कि दोनों परिजनों के पास खुद का बच्चा होने को लेकर तरह तरह के दस्तावेज भी मौजूद थे। मामला उलझा देख दोनों के परिजनों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि जिला परिषद अनिकेत कुमार मेहता फुलौत पूर्वी मुखिया बबलू ऋषिदेव, फुलौत पूर्वी सरपंच सुभाष यादव, रिंकू खान इम्तियाज आलम शहंशाह कैफ सहित कई गणमान्य सदस्यों ने इनकी सूचना फुलौत ओपी अध्यक्ष अनिल कुमार यादव को मौके पर बुलाकर मामले की जांच की, हालांकि मौके पर दावा कर रही बच्चे की माँ तबतक नही आई थी, जिसके कारण लगभग 5 घंटे तक ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि सहित बच्चे की परिजन के बीच तरह-तरह की बातें चलती रही, तब जाकर लौका से आई सुलोचना देवी ने बताया कि अब बच्चा मेरा है, तभी खरीक में रह रही रुबीना खातून बच्चे के पास पहुँचकर बताया कि यह बच्चा असल में मेरा नहीं है, एक जैसा चेहरा होने के कारण हमारे परिवार वालों को लगा कि यह बच्चा हमारा ही है, असल में यह बच्चा हमारा नहीं है जिसके बाद जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों द्वारा बच्चे को लौका निवासी के परिजन को सौंप कर विदा किया गया ।।
ईसी बच्चे को लेकर किया जा रहा था दावा